उत्तर प्रदेश के बहराइच में वन विभाग की टीम ने पांचवें आदमखोर भेड़िये को पकड़ लिया है। वन विभाग द्वारा भेड़ियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के तहत यह बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। जुलाई से बहराइच के महसी इलाके में भेड़ियों का आतंक बढ़ गया था, जिसमें अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 10 बच्चे और एक महिला शामिल हैं। एक 6 भेड़ियों के झुंड ने बहराइच के लगभग 50 गांवों में आतंक मचा रखा था, जिससे स्थानीय लोग परेशान थे। वन विभाग ने पहले चार भेड़ियों को पकड़ लिया था और अब पांचवे भेड़िये की गिरफ्तारी से दो भेड़ियों की तलाश जारी है।
सर्च ऑपरेशन के दौरान वन विभाग को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि भेड़ियों के बारे में झूठी सूचनाएं और लोगों की भीड़, जो अभियान में बाधा डाल रही है। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि जब भी टीम किसी स्थान पर जाती है और पगमार्क के आधार पर तलाशी शुरू करती है, तो जनता की उत्सुकता के कारण भीड़ जमा हो जाती है, जिससे अभियान में बाधा आती है और भेड़िये भाग सकते हैं। हालांकि, पिछले दो-तीन दिनों से उपद्रवी भेड़िये ड्रोन या स्नैप कैमरों में कहीं नजर नहीं आया है।
डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि एक अन्य समस्या अफवाहों से उत्पन्न हो रही है। शाम होते-होते कई जगहों से दो, चार या यहां तक कि छह भेड़ियों के होने की अफवाहें आ जाती हैं, जबकि वास्तव में भेड़िया होता नहीं है। इस तरह की अफवाहें तलाशी अभियान पर दबाव डालती हैं। उन्होंने कहा कि वे निर्णय अपने विवेक पर आधारित लेते हैं।
सिंह ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों में एक बार भेड़िये को घेरने में सफलता मिली थी, लेकिन वह भागने में सफल रहा। दूसरी बार, हमने भेड़िये के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त की, लेकिन हमारी घेराबंदी से पहले वह निकल गया, संभवतः ड्रोन की आवाज सुनकर। उन्होंने कहा कि भेड़िया प्रभावित क्षेत्र की निगरानी के दौरान 8-9 सितंबर की रात को भेड़िये की स्नैप कैमरे या थर्मल ड्रोन से कोई लोकेशन नहीं मिली और गश्ती दल को कहीं भी भेड़िये के पदचिह्न नहीं मिले।
प्रदेश की मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने बताया कि भेड़ियों के हमलों में कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लोग घायल हुए हैं। छः भेड़ियों में से चार को पहले ही पकड़ा जा चुका है, लेकिन 29 अगस्त के बाद से कोई नया भेड़िया पकड़ा नहीं गया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के 165 कर्मियों और 18 शूटरों की मदद से अभियान जारी है, और चार थर्मल ड्रोन लगातार उड़ान भर रहे हैं।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि महसी के भेड़िया प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक उपाय किए गए हैं। आश्रयहीन लोगों के लिए पंचायत भवनों और विद्यालयों में रात्रि आश्रय प्रदान किए गए हैं। भेड़िया प्रभावित गांवों में 120 घरों में दरवाजे लगाए जा चुके हैं, और 300 से अधिक घरों को दरवाजे लगाने के लिए चिह्नित किया गया है। कुछ क्षेत्रों में सोलर लाइटें लगाई जा चुकी हैं और अन्य क्षेत्रों में इस पर कार्य जारी है।