मणिपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हजारों लोगों ने टिडिम रोड पर तीन किलोमीटर से अधिक की दूरी तक मार्च किया। जब वे राज्य सचिवालय और भाजपा कार्यालय के पास पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए सड़क पर बैरीकेडिंग कर दी। इस कड़ी सुरक्षा वाले क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों को अलग करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा की लहर जारी है। हाल ही में, विद्रोहियों ने बिष्णुपुर में रॉकेट से हमला किया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इस हमले के विरोध में नेताओं और प्रदर्शनकारियों ने एक रैली निकाली और इंफाल में राजभवन और मुख्यमंत्री के बंगले के पास प्रदर्शन किया। उन्होंने डीजीपी के हटाने की भी मांग की।
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले दागे। पुलिस और केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरीकेडिंग की, लेकिन फिर भी कई लोग आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
मणिपुर में हिंसा और विरोध: डीजीपी को हटाने की मांग, मुख्यमंत्री ने की कार्रवाई
मणिपुर में हाल की हिंसा के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर उग्रवादियों द्वारा किए गए ड्रोन हमलों की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने हमलों में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने में विफलता दिखाई और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पद से हटाने की मांग की। मणिपुर में कुकी और मैतई जातीय समुदायों के बीच पिछले साल मई से जारी हिंसा में 200 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हालात को देखते हुए एक्शन मोड में आ गए हैं। रॉकेट हमले के बाद शनिवार शाम को उन्होंने राज्यपाल एल. आचार्य से मुलाकात की। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई जिसमें 25 विधायकों ने भाग लिया। बैठक में हथियारबंद उपद्रवी तत्वों से संबंधित मामलों पर विचार किया गया।
रॉकेट हमले के बाद से मणिपुर के जिरीबाम जिले में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। कुकी और मैतई समुदायों के बीच गोलीबारी में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अन्य घटनाओं में चार लोगों की मौत हुई। सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर जिले में सर्च ऑपरेशन शुरू किया और आतंकियों के तीन बंकरों को नष्ट कर दिया।