अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विवि के खिलाफ जांच कराने का हाईकोर्ट ने दिया राज्य सरकार को आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने काॅलेजों को बीएससी नर्सिंग की संबद्धता न देने के मामले में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विवि के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई का आदेश दिया है। वहीं, छह अगस्त को पेश हुए चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आश्वस्त किया कि मामले में सरकार जल्द कार्रवाई करेगी। जिससे भविष्य में कोई विवि इस तरह कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन न करे, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विवि ने किया।

न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह आदेश पिस्ट नर्सिंग कॉलेज बनवीर कच्छ के चेयरमैन राकेश बहादुर सिंह की याचिका पर दिया। इसमें कॉलेजों को बीएससी नर्सिंग की संबद्धता न देकर विद्यार्थियों को कॉलेज आवंटित करने का मुद्दा उठाया गया था। कोर्ट ने इस मामले में पाया कि सत्र 2020-21 और आगे के वर्षों में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विवि यह कोर्स चलाने वाले कॉलेजों को संबद्धता देने में नाकाम रहा। हालांकि वह बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए विद्यार्थियों को कॉलेज आवंटित करता रहा। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विवि अधिनियम 2018 के तहत उसे कॉलेजों को संबद्धता देने की शक्ति है।

याची की ओर से कहा गया कि विवि ने अब तक संबद्धता देने की कोई शर्त निर्धारित नहीं की है। उधर, सरकारी वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद मामले में कार्रवाई जारी है। यह आश्वासन भी दिया कि अब संबद्धता देने के बाद ही छात्रों को कॉलेज आवंटित किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को विवि के खिलाफ जांच और कार्रवाई का आदेश देकर इस तथ्य के मद्देनजर कि याची कॉलेज को अस्थायी संबद्धता दी गई है और अन्य कॉलेजों को भी तीन हफ्ते में संबद्धता दे दी जाएगी, याचिका निस्तारित कर दी।

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