तीसरे और अंतिम वनडे मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में सात विकेट पर 248 रन बनाए । इसके जवाब में भारत की पूरी टीम 26.1 ओवर में 138 रन पर ही ऑलआउट हो गई। भारतीय बल्लेबाजी एक बार फिर श्रीलंकाई स्पिनरों के सामने बेदम नजर आयी और कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम की टर्न लेती पिच पर बने टीम श्रीलंका के द्वारा बनाये चक्रव्यूह को नहीं झेल सकी और संघर्ष करते हुए सस्ते में निपट गयी। जिसका परिणाम यह रहा कि टीम इंडिया को श्रीलंका कि धरती पर हार का मुँह देखना पड़ा।
इस सीरीज में शुरुवात से ही भारतीय टीम कि बल्लेबाजी में वो धार नहीं देखने को मिली। भारतीय बल्लेबाजों द्वारा किया जा रहा निराशाजनक प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में भी जारी रहा और टीम को इस मैच में 110 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में सात विकेट पर 248 रन बनाए। जिसके जवाब में भारत की पूरी टीम 26.1 ओवर में 138 रन पर ऑलआउट हो गई। भारतीय बल्लेबाजी क्रम एक बार फिर श्रीलंकाई स्पिनरों के सामने बेदम नजर आया और कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम की टर्न लेती पिच पर किसी तरह अपनी इज़्ज़त बचता दिखा। श्रीलंका के लिए स्पिनर दुनिथ वेलालागे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच विकेट झटके और भारतीय पारी को ध्वस्त करने में अहम योगदान निभाया।
दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को असिथा फर्नांडो ने पहला झटका शुभमन गिल को आउट कर दिया। भारत ने 37 रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट गंवाया। पिछले दो मैच में अर्धशतक जड़ने वाले रोहित शर्मा इस मैच में भी अच्छा प्रदर्शन करते नजर आ रहे थे, लेकिन वेलालागे ने कप्तान रोहित को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया। इसके बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई और एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज अपने विकेट गंवाते रहे। विराट कोहली शुरुआती दो मैचों की तरह इस मैच में भी प्रभाव नहीं छोड़ सके और 20 रन के स्कोर पर पवेलियन लौटे। भारत की बल्लेबाजी इस कदर खराब रही कि टीम ने 100 रन के स्कोर पर ही सात विकेट गंवा दिए थे। अंत में वाशिंगटन सुंदर ने 25 गेंदों पर 30 रनों की पारी खेली, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। भारत के लिए सिर्फ चार बल्लेबाज ही दहाई अंक तक पहुंच सके। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने अपने नौ विकेट स्पिनरों के खिलाफ गंवाए।