वर्ल्ड टेस्ट डे – धरती आग का गोला बन रही है। एक दिन पहले पता चला था कि धरती का तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो एक रिकॉर्ड है. लेकिन रुकिये 24 घंटे भी नहीं बीते कि यह रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया.
अगर आप देश में गर्मी-उमस से परेशान हैं, तो शुक्र मनाइए हालात इससे भी बुरे होने वाले हैं। धरती आग का गोला बन रही है. एक दिन पहले पता चला था कि धरती का तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो एक रिकॉर्ड है। लेकिन रुकिये 24 घंटे भी नहीं बीते कि यह रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया। और अब जो नया रिकॉर्ड सामने आया है, वह बताता है कि 84 साल बाद धरती इतनी तेजी से गर्म हो रही है। यह न सिर्फ इंसानों के लिए खतरनाक है, बल्कि धरती पर तबाही ला सकता है।
यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (C3S) ने एक दिन पहले बताया कि 21 जुलाई को वैश्विक औसत तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो एक रिकॉर्ड था. लेकिन 24 घंटे में ही यह रिकॉर्ड टूट गया. क्योंकि अगले ही दिन यानी 22 जुलाई को वैश्विक औसत तापमान 17.15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 12 महीने से हर माह वैश्विक तापमान लगातार 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच रहा है। इसी वजह से दुनिया के ज्यादातर देशों में गर्मी दर्ज की जा रही है।
सवा लाख वर्षों में इतनी तेजी से बदल रहा तापमान
C3S के आंकड़ों के मुताबिक, 1940 के बाद इस साल का 22 जुलाई सबसे अधिक गर्म दिन था. वैश्विक तापमान करीब सवा लाख वर्षों में इतनी तेजी से बदल रहा है. यह कोयला, तेल और गैस के ज्यादा इस्तेमाल और वनों की कटाई का नतीजा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से इंसान खेती कर रहा है, तब से लेकर अब तक इतना ज्यादा तापमान में तेजी कभी नहीं रही.
57 दिन रही औसत से ज्यादा गर्मी
जुलाई 2023 से पहले अगस्त 2016 में पृथ्वी का दैनिक औसत तापमान रिकॉर्ड 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. हालांकि, 23 जुलाई 2023 के बाद से 57 दिन ऐसे रहे हैं। जब तापमान पिछले रिकॉर्ड से अधिक रहा हैं। . C3S के निदेशक कार्लो बूनटेंपो ने कहा कि पिछले 13 महीनों के तापमान और उससे पिछले रिकॉर्ड के बीच चौंकाने वाला अंतर है. हम अब अनिश्चित स्थिति में हैं और जैसे-जैसे जलवायु गर्म होती जा रही है, आने वाले महीनों और वर्षों में हमें नए रिकॉर्ड देखने को मिलेंगे।