लखनऊ। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथरस में मची भगदड़ के दौरान मारे गए और घायलों के पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की है। साथ ही इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की मांग भी की है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए और घायलों को उचित उपचार मुहैया कराया जाना चाहिए।
राहुल गांधी ने सीएम योगी को लिखे पत्र में क्या मांग की ?
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि न्याय के नजरिए से भी दोषियों को कठोर सजा दिया जाना आवश्यक है। साथ ही दुख की इस घड़ी में हम सभी का दायित्व है कि हम पीड़ित परिवारों का साथ दें। कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ता और स्वयं मैं इस मामले में आपकी हरसंभव मदद के लिए उपलब्ध हैं। आशा है कि इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए आप सहायता के संदर्भ में किए जाने वाले कार्यों को विशेष प्राथमिकता देंगे।
गौरतलब है कि हाथरस में बीते दिनों प्रवर्चनकर्ता भोले बाबा साकार हरि के सत्संग में मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। इसके बाद शुक्रवार सुबह राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। जबकि इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी।
राहुल गांधी ने प्रदेश सरकार से घायलों को उचित उपचार और उचित मुआवजा की मांग की
राहुल गांधी ने 6 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुआवजा अपर्याप्त है। मैं आग्रह करता हूं कि मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए और इसे जल्द से जल्द दिया जाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि घायलों को उचित उपचार और उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। राहुल ने लिखा कि हाथरस में भगदड़ की घटना में 120 से अधिक लोगों की मौत की खबर से मैं स्तब्ध हूं। मैं हृदय में पीड़ा के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं और मुझे पता है कि आप भी उस पीड़ा को महसूस कर रहे होंगे।
प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता जिम्मेदार : राहुल गांधी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवारों ने मुझसे यह भी साझा किया कि इस पूरी घटना के लिए स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता जिम्मेदार है। इसलिए इस मामले में उचित और पारदर्शी जांच न केवल भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में एक कदम होगी, बल्कि इससे इन पीड़ित परिवारों का न्याय व्यवस्था में विश्वास भी दोबारा स्थापित होगा।