लखनऊ। बाइटएक्सएल भारत का एक अग्रणी एडटेक प्लेटफॉर्म जो इंजीनियरिंग की शिक्षा और आईटी कौशल में बदलाव लाने का काम कर रहा है। जिसने दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी के तहत नैक ए+ रैंकिंग वाले एक प्रमुख संस्थान जीएलए यूनिवर्सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एण्ड मशीन लर्निंग में विशेषज्ञता देने वाला बीटेक प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। यह प्रोग्राम मथुरा में जीएलए यूनिवर्सिटी में भी पेश किया जाएगा।
इस साझेदारी के अंतर्गत बाइटएक्सएल प्रोग्राम की एक्जीक्यूटिंग एजेंसी बनेगा और माइक्रोसॉफ्ट के सर्टिफाइड ट्रेनर्स से कैम्पस में पाठ्यक्रम की शिक्षा दिलवाएगा। इस विशेषज्ञता को प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अपने रेगुलर कोर्सवर्क के तहत माइक्रोसॉफ्ट के सर्टिफकेट मिलेंगे और इंडस्ट्री से मान्यता प्राप्त क्रेडेंशियल्स के साथ उनकी योग्यता को बढ़ाएंगे।
प्रोग्राम के तहत नौकरी की गारंटी और पेड इंटर्नशिप्स
बाइटएक्सएल के को-फाउंडर और सीएसओ चरण ताडेपल्ली ने कहा यह कोर्स मजबूत बुनियादी कौशल निर्मित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और विद्यार्थियों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करेंगे। सर्टिफिकेशन से विद्यार्थियों की योग्यता भी बढ़ेगी। माइक्रोसॉफ्ट के सर्टिफाइड ट्रेनर्स लाने के अलावा, बाइटएक्सएल इस प्रोग्राम के तहत नौकरी की गारंटी और पेड इंटर्नशिप्स भी दे रहा है।
टेक इंडस्ट्री में इनोवेटर्स बनने के लिये तैयार किया जाएगा
जीएलए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अशोक कुमार सिंह ने कहा हमारे लिए यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे विद्यार्थी नौकरी के वक्त उद्योग की मांग पूरी कर सकें। न केवल यूपी बल्कि पूरे भारत में हमारे बच्चों को एक बेहद प्रतिस्पर्द्धी दुनिया के लिये तैयार रहना होगा। इस साझेदारी से हमारे विद्यार्थियों को कॅरियर में सफल होने के सबसे अच्छे मौके मिलेंगे और उन्हें टेक इंडस्ट्री में इनोवेटर्स बनने के लिये तैयार किया जाएगा।
शिक्षा और उद्योग के अग्रणी साधन प्रदान करेंगे : को-फाउंडर
बाइटएक्सएल के को-फाउंडर और सीईओ करुण ताडेपल्ली ने कहा जीएलए यूनिवर्सिटी और माइक्रोसॉफ्ट के साथ हमारी साझेदारी तकनीकी पेशेवरों की अगली पीढ़ी को तैयार करने के लिये हमारी प्रतिबद्धता दिखाती है। साथ मिलकर हम विद्यार्थियों को उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा एवं उद्योग के अग्रणी साधन प्रदान करेंगे। इससे ऐसा माहौल बनेगा जहां टेक्नोलॉजिस्ट नए-नए आविष्कार कर सकें और आगे बढ़ें।